Wednesday, August 30, 2017

ईद उल अज़्हा पर सबके लिए ज़रूरी पैग़ाम

ईद को दो दिन बचे हैं और सभी भाई बहन इस खुशी के मौके का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं.मैं आप सब को ईद की तहेदिल मनबारकबाद देता हूँ लेकिन इसके साथ साथ मैं आपको कुछ और भी बताना चाहता हूँ.
                                                                ईद का असली मकसद जहाँ अल्लाह के पैग़म्बरों की सुन्नत को ज़िंदा रखना है वहीं इसका एक और बड़ा मकसद कौम के आपसी भाईचारे, समानता और इत्तेहाद को बढ़ावा देना है. ईद का दिन ही साल में एक ऐसा दिन होता है जब हर ग़रीब - अमीर, गोरे - सांवले - काले, पढ़े लिखे और अनपढ़ मुसलमान के बीच का फर्क ख़त्म हो जाता है. ईद वाले दिन आप किसी भी मुस्लिम भाई को अपने घर आने से नहीं रोक सकते और न ही उनके आने पर नाराज़ हो सकते हैं. ईद के रोज़ कोई ग़रीब और मज़लूम आपके घर आए तो उसका मुस्कुरा कर और खुशदिल से इस्तेकबाल करना आपके लिए रहमत की अलामत बन सकता है.
                                     सब मुसलमानों से उम्मीद की जाती है कि अपने शहर, मोहल्ले और गाँव के सबसे ग़रीब लोगों के बारे में इस दिन ज़रूर सोचें. यकीनन अल्लाह उन पर मेहरबान है जो उसके बंदों पर मेहरबान है. हो सकता है आपके फ्रीज़र में इतना गोश्त इक्ट्ठा हो जाए कि आप पूरा एक हफ्ता खा कर भी उसे ख़त्म न कर पाएं लेकिन आपके ही मोहल्ले में कोई इस रोज़ भी भूखा ही सो रहा हो. इस्लाम का एक कानून है कि अगर आपका पड़ोसी भूखे पेट सो रहा है तो आप पर खाना जायज़ नहीं है. सोचो अगर ईद पर भी कोई भूखा ही रह गया तो आप और हम कितने बड़े अज़ाब के हकदार होंगे. इसके साथ ही किसी भी ग़रीब मोमिन की कपड़े और पैसे से भरपूर मदद करने से भी परहेज़ न करें. अपनी औकात के मुताबिक और अपनी औकात से बढ़कर लोगों की मदद करें और ज़्यादा से ज़्यादा मज़लूम लोगों के लिए इस दिन को रोश्न बनाने का ज़रिया बनें.
                     इसके अलावा एक और बात जो आपको याद रखनी है कि कुर्बानी के दौरान जानवर ज़िबह करने की वीडियो न तो खुद बनाएं और न ही किसी और को बनाने दें. कहीं न कहीं इससे गलत मैसेज बाहर जाता है और बात को उछाला जाता है. कुर्बानी का काम सादगी और सफाई से हो तो अच्छा है.
                                             ईद पर अपनी माली कूव्वत के मुताबिक जानवर ज़िबह करें और ग़रीबों और साथियों में गोश्त तक्सीम करें लेकिन अगर कोई आपको तंग कर रहा है तो झगड़े से बच कर पुलिस प्रशासन और किसी मुस्लिम संगठन जैसे - मजलिस या जमीयत से सम्पर्क करें. कुछ शरारती तत्व ईद पर साम्प्रदायिकता भड़काने की फिराक में रहते हैं, उन्हे कोई मौका न दे.
                       आखिर में आपको फिर याद दिलाना चाहता हूँ कि ईद इस तरह से मनाएं कि कौमी इत्तिहाद में बढ़ोतरी हो. किसी भी भाई के साथ आपका झगड़ा हो तो बिना शर्त माफी मांगकर और उसे माफ कर के अपना मोमिन होने का फर्ज़ भी अदा करें |
   | अल्लाहुम्मा लब्बैक |  ईद मुबारक |

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